Monday, December 11, 2006

Meri Zindagi

मेरी ज़िंदगी तु किताब है
तु सवाल है तु ज़वाब है


मैं हो रहा हूँ अभी बड़ा
पर सोचता हूँ कहीं खड़ा


कि मैं राही हूँ किसी राह का
या मैं अंत हूँ किसी चाह का
या हूँ रास्ते का कोई दिया
अभी जल रहा हूँ कि बुझ गया


मेरी मंजिलें अभी दूर हैं
मेरी आँखों में अभी ख्वाब हैं


मेरी ज़िंदगी तु किताब है
तु सवाल है तु ज़वाब है


मैं चल रहा था कि रुक गया
दो कदम चला फिर मुड़ गया
और सोचने ये लग गया


जो सफर मेरा था शुरू हुआ
वो बढ़ रहा है या रुका हुआ
कहीं राह चलते मैं भटक गया
किसी मोड़ पर मैं अटक गया


ये मैं हूँ या मेरा रूप है
ये सच है या नकाब है


मेरी ज़िंदगी तु किताब है
तु सवाल है तु जवाब है


कई वर्ष यूँही गुजर गए
मेरे सपने सारे बिखर गए
मेरे अपने मुझसे बिछड़ गए
जो साथ थे वो ये कह गए


तुने ज़िंदगी में जो पाया है
वो तु नहीं तेरा साया है
धन के लिए तु जिया है
पर यश तो तुने गँवाया है


ये मैं नहीं मेरा अंत है
कोई लाख समझे ये खिताब है


मेरी ज़िंदगी तु किताब है
तु सवाल है तु जवाब है